कहानी संसार के सभी लिखित अथवा अलिखित साहित्य का प्रायः प्राचीनतम रुप हे । होश संभालने के बाद जब बच्चे को अच्छी तरह बोलना समझना आ जाता हे तभी से कहानी के प्रति उसके मन मे आकर्षण जगने लगता हे । कभी वह मॉ से तो कभी दादी से कहानी सुनाने की जिद करता हे ओर जब पढना आ जाता हे तब तो वह कहानियो की किताबों मे ही खो जाता है । कहानी सुनने या पुछने की प्रवत्ति केवल बच्चो मेँ ही नहीँ होती हे यह प्रवत्ति वयस्कोँ मेँ भी होती हे आप बीती सुनाने मेँ ओर जग बिती सुनने की इच्छा सभी की होती हे । इसलिए साहित्य मेँ कथा पुस्तके अधिक लोकप्रिय होती हे । कथा साहित्य मेँ भि उपन्यास और नाटक की अपेक्षा कहानी के पाठक अधिक होते हेँ । बड़े ग्रंथो को पढ़ने के लिए कई बेठकोँ का समय उपेक्षित होता हे । ओर आज के व्यस्त जीवन मेँ समय का अभाव मनुष्य की रुचि ढालने वाली बहुत बड़ी शक्ति हे । कहानी की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यही हे कि वह युग जीवन के सबसे अधिक अनुकूल पडती हे कहानी मेँ मानव जीवन की किसी एक घटना अथवा व्यक्तित्व के एक पक्ष का मनोरम चित्रण रहता हे उसका उद्देश्य केवल एक ही एकानवित प्रभाव को उत्पन्न करता हे । कहानी एसी रचना हे जिसमेँ जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश रहता हे ।।।।
कहानी के तत्व
कहानी के 6 तत्व होते हे -
1.कथावस्तु
2.चरित्र -चित्रण अथवा पात्र
3.कथोपकथन अथवा संवाद
4.देश -काल अथवा वातावरण
5.उद्देश्य
6.शेली ओर शिल्प ।
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कहानी के 6 तत्व होते हे -
1.कथावस्तु
2.चरित्र -चित्रण अथवा पात्र
3.कथोपकथन अथवा संवाद
4.देश -काल अथवा वातावरण
5.उद्देश्य
6.शेली ओर शिल्प ।
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