श्री सियारामशरण गुप्त हिंदी के उन कथाकारो मैं हैं , जीनकी कला - चेतना मेँ गांधीवादी विचारधारा का पूर्ण परिपाक मिलता हे । उनका मानसिक अस्तित्व और फलतः उनका साहित्य अहिंसा, करुणा, और प्रेम की भावना से ओत - प्रोत हैं । इनका जन्म सन 1895 ई. में झाँसी के नामक स्थान पर हुआ था
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